Jai Santoshi Mata lyrics from the album Aartiyaan. The song is composed by Arun Paudwal and sung by Anuradha Paudwal. Jai Santoshi Mata lyrics are aarti of the oldest Santoshi Mata
Table of Contents
Jai Santoshi Mata Aarti Details
Song | Jai Santoshi Mata – Santoshi Mata Aarti |
Album | Aartiyan |
Singer | Anuradha Paudwal |
Music | Arun Paudwal |
Lyrics | Traditional |
Label | T-Series |
Jai Santoshi Mata Aarti Lyrics In English
Jai Santoshi Mata
Maiya Jai Santoshi Mata
Apne sevak jan ki sukh sampati data
Jai Santoshi Mata
Sundar veer sunahari
Ma dharan kinho
Heera panna damake, tan shringar linho
Jai Santoshi Mata
Geru laal chhata chhavi
Bbadan kamal sohe
Mand hansat karunamayi
Tribhuvan mann mohe
Jai Santoshi Mata
Svarna simhasan baithi
Chavar dhure pyare
Dhup deep madhu meva
Bhog Dhare nyare
Jai Santoshi Mata
Gud aru chana param priya
Tame santosh kiyo
Santoshi kahalai
Bhaktan vaibhav diyo
Jai Santoshi Mata
Shukravar priy manat aaj divas sohi
Bhakt mandali chhai, katha sunat mohi
Jai Santoshi Mata
Mandir jagamag jyoti
Mangal dhvani chai
Vinay kare ham baalak
Charanan sir nai
Jai Santoshi Mata
Bhakti bhavamay puja
Angikrut kijai
Jo mann base humare, ichha fal dijai
Jai Santoshi Mata
Dukhi daridri rogi sankata mukt kie
Bahu dhan dhany bhare, ghar sukh saubhagy diye
Jai Santoshi Mata
Dhyan dharyo jis jan ne
Manavanchhit fal payo
Puja katha shravan kar
Ghar anand ayo
Jai Santoshi Mata
Sharan gahe ki lajja, rakhiyo jagadambe
Sankat tu hi nivare, dayamayi ambe
Jai Santoshi Mata
Santoshi ma ki aarti, jo koi nar gaave
Riddhi siddhi sukh sampati jee bharakar pave
Jai Santoshi Mata
Jai Santoshi Mata Aarti Lyrics In Hindi
जय सन्तोषी माता, मैया सन्तोषी माता
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता
जय सन्तोषी माता
जय सन्तोषी माता, मैया सन्तोषी माता
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता
जय सन्तोषी माता
सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार कीन्हों
जय सन्तोषी माता
गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे
मन्द हंसत करुणामयी, त्रिभुवन मन मोहे
जय सन्तोषी माता
स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरें प्यारे
धूप दीप मधुमेवा, भोग धरें न्यारे
जय सन्तोषी माता
गुड़ और चना परमप्रिय, तामे संतोष किये
सन्तोषी कहलाई, भक्तन वैभव दिये
जय सन्तोषी माता
शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही
जय सन्तोषी माता
मन्दिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई
विनय करें हम सेवक, चरनन सिर नाई
जय सन्तोषी माता
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै
जो मन बसै हमारे, इच्छा फल दीजै
जय सन्तोषी माता
दुखी दरिद्री, रोगी, संकट मुक्त किये
बहु धन-धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिये
जय सन्तोषी माता
ध्यान धरे जन तेरा, मनवांछित फल पायो
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो
जय सन्तोषी माता
शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदम्बे
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे
जय सन्तोषी माता
शुक्रवार प्रिय मानती, आज दिवस सोही
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही
जय सन्तोषी माता
सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे
ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति, जी भर के पावे
जय सन्तोषी माता
जय सन्तोषी माता, मैया सन्तोषी माता
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता
जय सन्तोषी माता
जय सन्तोषी माता, मैया सन्तोषी माता
अपने सेवक जन की, सुख सम्पत्ति दाता
जय सन्तोषी माता