Maa Skandmata Aarti lyrics song is composed by Tarun Arun Prajapati and sung by Deepak Jain. Maa Skandmata is the fifth manifestation of the Divine Mother worshipped during Navaratri. She is the mother of Lord Skanda, also known as Kartikeya or Murugan, who is the commander-in-chief of the celestial army
माँ स्कंदमाता आरती के गीत तरुण अरुण प्रजापति द्वारा रचित हैं और दीपक जैन द्वारा गाए जाते हैं। माँ स्कंदमाता नवरात्रि के दौरान पूजित होने वाली दिव्य माँ की पंचम रूपमयी हैं। वह भगवान स्कंदा की माँ हैं, जो कर्तिकेया या मुरुगन के नाम से भी जाने जाते हैं, जो स्वर्गीय सैनिकों की सीमांत सेना की संगीताधीश हैं।
Table of Contents
Maa Skandmata Aarti Details
Song | Maa Skandmata Aarti Lyrics – Navaratri Day 5 |
Singer | Deepak Jain |
Music | Tarun Arun Prajapati |
Lyrics | Traditional |
Label | Kirtan Yug |
Maa Skandmata Aarti Lyrics In English
Jai Skandmata
Om Jai Skandmata
Shakti Bhakti Pradayani
Sab Sukh Ki Daata
Om Jai Skandmata
Kartikey Ki Ho Mata
Shambhu Ki Shakti
Bhaktjano Ko Maiya
Dena Nij Bhakti
Om Jai Skandmata
Chaar Bhuja Ati Sohe
Godi Me Skand
Dha Karo Jagjan’ni
Baalak Hum Matimand
Om Jai Skandmata
Shubhr Varn Ati Paawan
Sabka Man Mohe
Hota Priya Ma Tumko
Jo Puje Tohe
Om Jai Skandmata
Swaha Swadha Bramini
Radha Rukmani
Lakshmi Sharde Kaali
Kamla Kalyani
Om Jai Skandmata
Kaam Krodh Mad
Maiya Jagjan’ni Harna
Vishay Vikari Tan Man
Ko Paawan Kara
Om Jai Skandmata
Navdurgo Me Pancham
Maiya Swroop Tera
Panchwe Navratre Ko
Hota Poojan Tera
Om Jai Skandmata
Tu Shiv Dham Nivashini
Mahavilashini Tu
Tu Shamshan Viharini
Taandav Laasini Tu
Om Jai Skandmata
Hum Ati Deen Dukhi Maa
Kastho Ne Ghere
Apna Jaan Dha Kar
Baalak Hai Tere
Om Jai Skandmata
Skandmata Ji Ki Aarti
Jo Koi Aave
Kahat Shivanand Swami
Manwanchhit Fal Paave
Om Jai Skandmata
Jai Skandmata
Om Jai Skandmata
Shakti Bhakti Pradayani
Sab Sukh Ki Daata
Om Jai Skandmata
Maa Skandmata Aarti Lyrics In Hindi
जय स्कन्द माता
ॐ जय स्कन्द माता
शक्ति भक्ति प्रदायिनी
सब सुख की दाता
ॐ जय स्कन्द माता
कार्तिकेय की हो माता
शंभू की शक्ति
भक्तजनों को मैया
देना निज भक्ति
ॐ जय स्कन्द माता
चार भुजा अति सोहे
गोदी में स्कन्द
द्या करो जगजननी
बालक हम मतिमन्द
ॐ जय स्कन्द माता
शुभ्र वर्ण अति पावन
सबका मन मोहे
होता प्रिय माँ तुमको
जो पूजे तोहे
ॐ जय स्कन्द माता
स्वाहा स्वधा ब्रह्माणी
राधा रुद्राणी
लक्ष्मी शारदे काली
कमला कल्याणी
ॐ जय स्कन्द माता
काम क्रोध मद
मैया जगजननी हरना
विषय विकारी तन मन
को पावन करना
ॐ जय स्कन्द माता
नवदुर्गो में पंचम
मैया स्वरूप तेरा
पाँचवे नवरात्रे को
होता पूजन तेरा
ॐ जय स्कन्द माता
तू शिव धाम निवासिनी
महाविलासिनी तू
तू शमशान विहारिणी
ताण्डव लासिनी तू
ॐ जय स्कन्द माता
हम अति दीन दुखी माँ
कष्टों ने घेरे
अपना जान द्या कर
बालक हैं तेरे
ॐ जय स्कन्द माता
स्कन्द माता जी की आरती
जो कोई गावे
कहत शिवानंद स्वामी
मनवांछित फल पावे
ॐ जय स्कन्द माता
जय स्कन्द माता
ॐ जय स्कन्द माता
शक्ति भक्ति प्रदायिनी
सब सुख की दाता
ॐ जय स्कन्द माता